गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर
उद्देश्य
- स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा निर्दिष्ट वैदिक-काल की प्राचीन ब्रह्मचर्याश्रम प्रणाली को पुनजीवित करना एवं सस्ंकृत एवं आर्यभाषा में निःषुल्क षिक्षा प्रदान करना व छात्रावास व्यवस्था करना।
- अन्तर्राट्रीय क्षेत्र में वैदिक सस्ंकृति के प्रचार-प्रसार हेतु अंग्रजी तथा अन्य विदेषी भाषाओं के प्रषिक्षण की व्यवस्था करना जिससे विष्व में भारतीय सस्ंकृति आलोकित हो।
- वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यवसायिक, औषध व चिकित्सा विज्ञान, आयुर्वैदिक रसायनषाला, सूचना प्रोद्योगिकी, कृषि व योग आदि की आधुनिकतम पद्धतियों के प्रयोग द्वारा प्रषिक्षण की व्यवस्था करना।
- आयुवैदिक विद्यालय का संचालन, आयुवैदिक, ऐतिहासिक व साहित्यिक शोध संस्थान की स्थापना करना।
- व्यक्ति निमार्ण की विघाओं को विकसित करने के निए भ्रमणदल, संगोष्ठियों, सेमिनार, कार्यषाला, व्यायामषाला तथा मल्लषाला की व्यवस्था करना।
- पुस्तकालय की व्यवस्था करना तथा उपयोगी कृतियों के मुद्रण तथा भाष्यात्मक अनुवाद की व्यवस्था करना।
- अनाथों का पोषण करना, वैदिक धर्म का प्रचार करना और करानातथा गौषाना संचालनार्थ गोचर भूमि व्यवस्थित करना।
- उद्देष्यों की पूर्ति हेतु धन सग्रंह की व्यवस्था करना तथा समिति कोष, अधिग्रहित और/अथवा दान अनुदान से प्राप्त/निर्मित परिसम्पत्तियों का परिरक्षण करना।
- ऐसे वे सभी कार्य व व्यवस्थाओं का निष्पादन करना जो उपर्युक्त सभी या किसी एक उद्देष्य की पूर्ति के लिए आवष्यक, आनुषंगिक या पारिमाणिक हों।