गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर
महाविद्यालय के प्रसिद्ध वैद्य-स्नातक
वैद्यराज विष्णुदत्त शर्मा
श्री वैद्य विष्णुदत्त शर्मा सुपुत्र वैद्य श्री रामचन्द्र जी का जन्म ग्राम पुरमाफी, पो0 खास, जिला मु0 नगर (उ0 प्र0) में सन् 1903 को हुआ था।उनकी शिक्षा-दीक्षा गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर में प्रसिद्ध गुरूओं के सान्निध्य में हुई।वे स्वतंत्रता-आंदोलन में जेल भी गये। उनको इस त्याग के लिए ताम्रपत्र से पुरस्कृत किया गया था।
वैद्यराज लल्लू जी
विश्वविख्यात वैद्य श्री लल्लू जी का जन्म 15-11-1905 ई0 को बहादुरपुर, जिला बिजनौर (उत्तर प्रदे्य) में हुआ था। जन्म से ही उन्हें आयुर्वेद के क्षेत्र में विशेष रुचि थी। अतः अपना लक्ष्य पूर्ण करने के लिए अपने पिता श्री किशनलाल जी के साथ कनखल आ गये। गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर हरिद्वार से आयुर्वेद की शिक्षा प्राप्तकर स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सन् 1947 में आद्र्य आयुर्वेदिक फार्मेसी की स्थापना माँ गंगा के तट पर दक्ष प्रजापति मंदिर के निकट कनखल में की। यहाँ पर आयुर्वेद की समस्त ओषधियों का निमार्ण कर मानव-समाज की सेवा की जा रही है। इन्होंने आयुर्वेद की महत्ता एवं गुणवत्ता के कारण दे्य-विदे्य में लोकप्रियता प्राप्त की।
वैद्य विजयकुमार शास्त्री
डॅा0 विजयकुमार शास्त्री का जन्म 18 जुलाई सन् 1939 को अविभाजित पंजाब के लायलपुर जिले (जो अब पाकिस्तान में है) में चिन्योट के निकट ‘चकझुमरा’ नामक स्थान में हुआ था। जन्म के 23 दिन पश्चात् ही इनके पूज्य पिताजी का स्वर्गवास हो गया था। परिणामतः इनका -पोषण इनके दादा सुप्रसिद्ध वैद्य महाशय बूड़ीराम जी, माता वैद्या पुष्पावती जी के सरंक्षण में हुआ।
श्री डॅा0 बलवीरदत्त शास्त्री
आपका जन्म सन् 1930 ई0 में ग्राम 1930 ई0 में ग्राम प्रहृादपुर जि0 हरिद्वार में श्री पं0 दीवानचन्द शर्मा वैद्य के घर हुआ। आपकी शिक्षा गुरुकुल ज्वालापुर में हुई। आप बचपन से ही प्रतिभा्याली छात्र थे। गुरुकुल में रहकर विद्याध्ययन के साथा- साथ आपने लेखन-कला का भी खूब अभ्यास किया। आप अपने जीवन में चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़े और अपने पिताश्री की ही भाति आप सुप्रसिद्ध वैद्य बन ख्याति प्राप्त की। आप आयुर्वेद के साथ-साथ संस्कृत के भी उद््भट विद्वान् हैं। आपके द्वारा रचित ग्रन्थ निम्नलिखित हैं-
1 - ‘चिकित्सा-दीपिका’ भाग-2 (बी0ए0 एम0 एस0 पाठक्रम के लिए)
2 - ‘कौमारभृत्य’ उपर्युक्त परीक्षा पाठ्यक्रम हेतु।
3 - ‘सचित्र प्रसूतिशास्त्र,
4 - श्री द्र्यनानन्द-महाकाव्य (संस्कृत में)
5 - हरिश्चन्द्र-महाकाव्य (संस्कृत में)
6 - बलिदान-काव्य (संस्कृत में)
7 - विवेकानन्द-शतकम् (संस्कृत में), आदि हैं।
डॅा0 हरिश्चन्द्र आत्रेय
डॅा0 हरिश्चन्द्र आत्रेय का जन्म रत्नगढ़ (बिजनौर) में 1921 में हुआ था। महाविद्यालय के इस स्नातक, इस चिकित्सक की ख्याति चार हजार से अधिक अन्धों को आॅख देने वाले आधुनिक ऋड्ढि अश्विनी कुमार के नाम से विख्यात है।
श्री वैद्य क्यिसिंह आयुर्वेदाचार्य
24 मार्च 1931 को ठाकुरद्वारा (मुरादाबाद) में जन्मे वैद्य क्यिनजी एक लब्ध महाविद्यालय के प्रसिद्ध वैद्य-स्नातक